इंदौर ।
दिनांक 4 जनवरी को इंदौर के सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय के सभागार में आरोग्य भारती इंदौर महानगर द्वारा वैचारिक गोष्ठी का आयोजन किया गया इस गोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ अशोक जी वार्ष्णेय, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव एवं सदस्य सलाहकार समिति आयुष विभाग भारत सरकार रहे, जिन्होंने “एक राष्ट्र एक चिकित्सा पद्धति,आज की समसामयिक आवश्यकता” विषय पर अपना प्रबोधन किया । डॉ वार्ष्णेय ने बताया कि अच्छी तरह विचार करने पर यह दृष्टिगत होता है कि कोई भी चिकित्सा पद्धति अपने आप में संपूर्ण नहीं है । आम रोगी के शारीरिक एवं आर्थिक लाभ को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार से चिकित्सा की जानी चाहिए कि जिस चिकित्सा पद्धति द्वारा उसके रोग में कम औषधियां अथवा कम प्रक्रियाओं से लाभ मिल सकता है उसी पद्धति से ही उसकी चिकित्सा होनी चाहिए, अन्यथा रोगी को आर्थिक हानि और चिकित्सा पद्धति को अपयश की प्राप्ति होती है ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सालय इंदौर के अधिष्ठाता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ वेद प्रकाश पांडे जी ने दो डॉ वार्ष्णेय द्वारा कही पिल्यूरोपैथी विषय की सराहना की एवं उनकी बात का समर्थन किया । कार्यक्रम में डॉ वार्ष्णेय एवं डॉ वार्ष्णेय के साथ डॉ विष्णु सेन जी कच्छावा, आरोग्य भारती मालवा प्रांत अध्यक्ष, डॉ लोकेश जोशी, आरोग्य भारती मालवा प्रांत कार्याध्यक्ष एवं डॉ प्रमोद नीमा, आरोग्य भारती इंदौर महानगर अध्यक्ष मंचासीन हुए। कार्यक्रम में विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के 300 से अधिक प्रतिष्ठित चिकित्सक एवं चिकित्सा प्राध्यापकों के साथ चिकित्सा विद्यार्थी भी सम्मिलित हुए । कार्यक्रम का संचालन डॉ आशीष तिवारी, आरोग्य भारती इंदौर महानगर सचिव ने की।
सभी चिकित्सा पद्धतियों का समन्वय आवश्यक

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