इंदौर । बैंक में काफी भीड़ रहती है और प्रमाणपत्र जमा करने के लिए दो- तीन बार जाना पड़ता है। घर बैठे ही जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं। अपने मोबाईल फोन पर जीवन प्रमाण एप के जरिये उनका जीवन प्रमाणपत्र जमा किया जा सकता है और और उन्हें प्रमाणपत्र की प्रति प्राप्त होती है। बैंक से भी ऐसा ही कागज मिलता है। यह सम्भव हुआ है केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय द्वारा पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए शुरू की गई फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से। यह तकनीक खासतौर से बुजुर्ग पेंशनभोगियों के लिये बेहद उपयोगी सिद्ध हो रही है ।
केंद्र सरकार के लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए इसी महीने 1 से 30 नवम्बर, 2024 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत भोपाल सहित देश के करीब 800 शहरों में शिविर आयोजित कर फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के जरिये जीवन प्रमाणपत्र जमा कर रहे हैं। इसी क्रम में आज भोपाल में भी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा टीटी नगर, अरेरा हिल्स, गुलमोहर कॉलोनी शाखाओं में आयोजित शिविरों में पेंशनभोगियों के जीवन प्रमाणपत्र जमा किये गए किये। इन शिविरों में पेंशनभोगियों को फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में जानकारी प्रदान की गई। लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग की अवर सचिव श्रीमती सोनिका खट्टर ने आज भोपाल में आयोजित इन शिविरों का अवलोकन कर जीवन प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया का जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होने बताया कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के जीवन प्रमान प्रमाणपत्र आसानी से जमा करने के लिए नवम्बर 2021 में फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया गया था। फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा किया जा सकता है। इस तकनीक से बाह्य बायोमेट्रिक उपकरणों की आवश्यकता समाप्त हो गई है और जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया सुलभ और आसान हो गई है।
आप भी घर बैठे जमा करें डिजीटल जीवन प्रमाण पत्र
यदि आपके घर में केंद्र अथवा राज्य सरकार के पेंशनभोगी हैं तो आप अपने एंड्राईड मोबाईल फोन से उनका डिजीटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं। इसके लिये सबसे पहले मोबाईल पर प्ले स्टोर से जीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan) एप डाउनलोड करना होगा। जीवन प्रमाण एप डाउनलोड करने के बाद ओपन करें और पेंशनर्स की पहचान के लिये आधार और पंजीकृत मोबाईल नम्बर टाईप कर सबमिट करें। इसके बाद एन.आई.सी. से ओटीपी प्राप्त होगा जिसे दिये गये स्थान पर लिखकर सबमिट करते ही पेंशनर्स की पूरी जानकारी जैसे नाम, पेंशन का प्रकार, केंद्र अथवा राज्य सरकार, स्वीकृति प्राधिकारी, भुगतान करने वाले बैंक का नाम और खाता संख्या, पेंशन पाए आर्डर (पीपीओ) आदि की जानकारी दिखाई देगी। पूरी जानकारी की पुष्टि होने के बाद सबमित करते ही स्केन पर क्लिक करते ही कैमरा में दिखाई दे गोले के बीच अपना चेहरा देखना है। इस दौरान बार – बार अपनी आंखो की पलकों के झपकाना भी होगा। थोड़ी देर में ही प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी होने के बाद जीवन प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते हैं। इसके पश्चात करीब 24 घंटे के भीतर सम्बंधित बैंक से डिजीटल जीवन प्रमाणपत्र जमा होने की पुष्टि का संदेश भी प्राप्त हो जाता है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह जीवन के इस पड़ाव में उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर उनकी ज़रूरतें पूरी करने में और आपातकालीन परिस्थितियों में सहायता करती है। पेंशनभोगियों को सेवानिवृत्ति के बाद बैंक जैसे अधिकृत पेंशन संवितरण एजेंसी में अपना जीवन प्रमाण-पत्र जमा कराना पड़ता है, जिसके बाद ही उन्हें पेंशन दी जाती है।
जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए पेंशनभोगी को अधिकृत पेंशन संवितरण एजेंसी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना पड़ता है या फिर जिस कार्यालय में वह काम करते थे वहाँ के प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया जीवन प्रमाण-पत्र संवितरण एजेंसी को उपलब्ध कराना पड़ता है। पेंशन प्राप्त करने के लिए संवितरण एजेंसी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना और जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करना ही पेंशनभोगियों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। यह भी देखा गया है कि इसके कारण ऐसे पेंशनभोगियों को समस्या होती है जो वृद्ध और शारीरिक रूप से कमज़ोर हैं और जो जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए हर समय प्रमाणन प्राधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं रह सकते। इसके साथ ही बहुत से सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद अपने परिवार के साथ रहने के लिए एवं कई अन्य कारणों से कहीं और रहने लगते हैं जिसके कारण पेंशन प्राप्त करने में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
जीवन प्रमाण- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है के रूप जानी जाने वाली भारत सरकार की पेंशनभोगी डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है योजना का उद्देश्य जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर इसे आसान बनाना है। इसका लक्ष्य जीवन प्रमाण-पत्र की पूरी प्रक्रिया को पेंशनभोगियों के लिए सुविधाजनक और आसान बनाना है। इस पहल के द्वारा अब पेंशनभोगियों को संवितरण एजेंसी और प्रमाणन प्राधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं रहना होगा जो उनके लिए लाभदायक है एवं इस तरह उन्हें अनावश्यक बाधाओं का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
जीवन प्रमाण- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है पेंशनभोगियों के लिए एक बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल सेवा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अन्य सरकारी संस्थाओं के पेंशनभोगी इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।