रिपोर्ट नलिन दीक्षित
किसानों ने शिकायत के माध्यम से बताया था कि सरकार द्वारा अफीम की फसल की खेती कराये जाने हेतु प्रति वर्ष अफीम फसल नीति सितम्बर माह में ही घोषित कर दी जाती है, लेकिन इस वर्ष 25 अक्टूबर तक भी अफीम फसल नीति घोषित नहीं की गई है। जबकि अफीम की फसल बोई जाने का समय 10 अक्टूबर से प्रारम्भ हो गया है। इस वर्ष अफीम फसल नीति की घोषणा में देरी के कारण किसान परेशान है, क्योंकि समय से फसल नहीं बोई गई और उपयुक्त समय निकल जाने पर अफीम उत्पादन में उत्पादन क्षमता कम हो जाती है तथा किसान निर्धारित औसत सरकार को नहीं दे पाता है। इसलिए अफीम उत्पादन नीति की घोषणा प्रति वर्ष सितम्बर माह में ही की जाती है ताकि किसान अक्टूबर माह में निर्धारित समय पर फसल बोकर अपेक्षित उत्पादन प्राप्त कर सके।देरी से अफीम फसल नीति घोषित करने के कारण अफीम फसल देरी से बोई जायेगी तथा अफीम फसल देरी से मार्च अप्रेल माह में आयेगी तथा गर्मी बढ़ जाने व ठण्ड कम हो जाने के कारण अफीम फसल में कई तरह की बीमारियां आती है तथा बीमारी को नियंत्रित करने में किसानो का भारी खर्चा होता है एवं किसानो की अफीम की औसत भी पूरी नहीं हो पाती है। शिकायत को संज्ञान में लेकर भारतीय मानव अधिकार सहकार ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुनील सिंह जी यादव के निर्देशानुसार राष्ट्रीय सचिव श्री शिवम तिवारी एवं राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष भंवरलाल मेनारिया, राजस्थान संगठन मंत्री श्री रूपलाल मेनारिया राजस्थान प्रदेश महामंत्री श्री मोहनलाल मेनारिया ने पत्र के माध्यम से वित्त मंत्री से निवेदन किया कि यथाशीघ्र अफीम उत्पादन नीति वर्ष 2024-25 की नीति घोषित करने की कृपा करें पत्र पर तुरंत कार्रवाई करते हुए वित्त मंत्री ने दिवाली से पहले अपनी स्वयं की अध्यक्षता में अफीम नीति के लिए महत्वपूर्ण बैठक रखने की स्वीकृति प्रदान की एक माह से भी अधिक समय से वर्ष 2024 -25 के लिए प्रतीक्षित नई अफीम नीति के निर्धारण की दिशा में आखिरकार केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के निर्देश पर निर्णायक बैठक तय हो गई हैं। अधिकारिक जानकारी के अनुसार, मंगलवार 29 अक्टूबर की शाम केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में नार्थ ब्लाक स्थित वित्त मंत्रालय में आयोजित बैठक में नई अफीम नीति को लेकर प्रस्तावित विभिन्न प्रारूपों पर व्यापक चर्चा करते हुए फाइनल प्रारूप तय कर लिया जाएगा।