इंदौर,
कभी केवल घर के कामकाज में ही व्यस्त रहती थीं। घर की आर्थिक स्थिति भी इतनी अच्छी नहीं होने से हमेशा चिंता रहती थी लेकिन आजीविका मिशन के अंतर्गत बने स्वयं सहायता समूह से जुडने के बाद ग्राम धरमपुरी निवासी कविता शर्मा स्वयं आत्मनिर्भर होकर परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कर रही मदद। समूह से जुड़कर वे आत्मनिर्भरता की इबारत लिखने का काम करते हुए अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल बन रही है।
हम बात कर रहे है इंदौर जिले के सांवेर विकासखंड के ग्राम धरमपुरी निवासी श्रीमती कविता शर्मा की। उनके ग्राम में करीब 5 वर्ष पूर्व एक दिन म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन के मैदानी स्टाफ ने समूह से जुडने की उन्हें बात बताई। पहले समूह से जुडने में झिझक हो रही थी लेकिन ग्राम की अन्य महिलाएं जुड़ी तो उनके साथ समूह में जुड़ने का उन्होंने निर्णय लिया। समूह का नाम रखा भाग्य लक्ष्मी स्व सहायता समूह। उन्होंने समूह से जुड़कर बैठकों में जाकर छोटी-छोटी बचत करना शुरू की। केवल 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई करने के बावजूद समूह के दस्तावेज लिखना सीखे। बुक कीपिंग का प्रशिक्षण लिया, जिससे आत्मविश्वास और बढ़ गया। मन में जो डर था वह दूर हो गया। गांव में समूह बने तो ग्राम संगठन का उनको अध्यक्ष बनाया गया। इस दौरान उन्हें समूह सदस्यों की छोटी-छोटी समस्या को सुनने और सर्व सहमति से उनके निराकरण के लिए प्रयास करने का अवसर मिला। उन्होंने मन में दृढ़ निश्चय करके आगे बढ़ने के लगातार प्रयास किये। अलग-अलग प्रशिक्षणों में जाने का अवसर मिला और संकुल स्तर के समूहों के संगठन की अध्यक्ष चुना गया। इसी दौरान स्वयं आत्मनिर्भर होने और परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए समूह और बैंक से मिले ऋण से उन्होंने सिलाई कार्य शुरू किया। साथ में मेचिंग सेंटर और फोटोकॉपी-स्टेशनरी की दुकान प्रारंभ की। श्रीमती कविता दीदी बताती है कि उन्होंने समूह के माध्यम से करीब 3 लाख रुपये तक ऋण लिया है । उनके समूह की सभी सदस्य आवश्यकता होने पर समूह से ऋण लेकर वापस जमा करती है। उनकी पूरी लगन और कड़ी मेहनत रंग लाई और इस कार्य से वे करीब 10 हजार से अधिक रुपये की आय प्रतिमाह प्राप्त कर रही हूं। वे बताती है कि समूह से जुड़कर मैं स्वयं आत्मनिर्भर हुई और परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के साथ-साथ सक्षम हुई हूं। वे बताती है कि हम समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है।
आजीविका मिशन के समूह से जुड़कर आत्मनिर्भरता की इबारत लिख रही ग्राम धरमपुरी निवासी श्रीमती आरती शर्मा
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