रिपोर्ट नलिन दीक्षित
रुपया कमजोर होने का मतलब है आयात की लागत बढ़ना। जैसे – कोई सामान विदेश से 1 डॉलर में आता है तो मई 2014 में हमें 58 रुपए चुकाने होते थे।
वहीं, अब इसी सामान के करीब 84 रुपए चुकाने होंगे, पूरे 26 रुपए ज्यादा।
जब कोई सामान विदेश से 26 रुपए ज्यादा कीमत पर देश में आएगा तो लोगों को भी महंगे दाम पर मिलेगा।
जैसे – भारत 80% कच्चा तेल आयात करता है, अब यह महंगे दाम पर भारत आएगा।
तेल महंगा होगा तो महंगाई बढ़ेगी, क्योंकि माल ढुलाई की लागत बढ़ जाएगी। इसकी वजह से चीजें महंगी होंगी।
जब महंगाई बढ़ेगी तो RBI इसे काबू करने के लिए ब्याज दर बढ़ाएगी। ऐसे में लोन की EMI बढ़ जाएगी और लोगों को ज्यादा रकम चुकानी होगी।
विदेश में पढ़ाई करना, घूमना, रहना-खाना सब महंगा होगा।
यानी रुपए के कमजोर होने का असर सीधा आपकी जेब पर होगा। रुपए का कमजोर होना देश के कमजोर होने की निशानी है।