रिपोर्ट नलिन दीक्षित
*लोकसभा चुनाव में बीजेपी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई थी, विधानसभा चुनाव में पूरा गेम बदलकर रख दिया। यह परिणाम RSS के जमीनी स्तर पर काम और कड़ी मेहनत का नतीजा है।
- हरियाणा की जिन 14 सीटों पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रचार किया था, उनमें से नौ सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है.
- सीएम योगी ने हिंदुओं को एकजुट होकर राष्ट्र के लिए वोट देने की अपील की थी.
- योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान एजेंडा सेट करते हुए नारा दिया था- बंटेंगे तो कटेंगे.
- इस बार आरएसएस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी.
- एक तरफ बीजेपी के दिग्गज नेता रैलियों में दिख रहे थे तो वहीं आरएसएस जमीनी स्तर पर काम कर रही थी.
*हरियाणा में बीजेपी की बंपर सीटों के साथ वापसी हुई है. बीजेपी ने 90 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि कांग्रेस 10 साल बाद भी अपने वनवास को खत्म नहीं कर पाई।
हरियाणा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों की भी अच्छी-खासी डिमांड थी और इसका रिजल्ट भी बीजेपी के लिए अच्छा रहा. सीएम योगी ने हरियाणा में जो दांव चला, वो एकदम सटीक निकला.
हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम ने सभी को चौका दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में इतिहास रच दिया है।
कांग्रेस को पूरी उम्मीद थी कि 10 साल बाद किसान, पहलवान, जाट और जाति कार्ड खेलकर प्रदेश की सत्ता में वापसी करेगी, लेकिन हरियाणा की जनता ने कांग्रेस के दलित-पिछड़े वाले सिगूफे को पूरी तरह नकार दिया।
हरियाणा चुनाव में हिंदू नहीं बंटे, लोगों ने मोदी की गारंटी पर भरोसा दिखाया, सीएम योगी का जादू चला और फिर से कमल खिल गया। हरियाणा की जनता ने कांग्रेस के जाति कार्ड की हवा निकालकर दी।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे चुनाव ये अपील करते रहे कि जातियों में बंटना नहीं है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा की हर एक रैली में एकजुटता का संदेश दिया था।
हरियाणा विधानसभा का चुनाव इस बार नाक की लड़ाई बना गया था। RSS ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी।
एक तरफ बीजेपी के बड़े-बड़े फायर ब्रांड नेता ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे थे, तो दूसरी तरफ RSS जमीनी स्तर पर काम करने में लगा था।
RSS लोगों के बीच जाकर छोटी-छोटी सभाएं कर रहा था।
चुनाव से पहले पिछले चार महीनों में RSS ने प्रदेश में करीब 16 हजार सभाओं का आयोजन किया।
RSS ने अपने पारंपरिक तरीके से लोगों तक पहुंच बनाई। संघ के कार्यकर्ताओं ने लोगों के घर-घर जाकर और सार्वजनिक स्थलों पर सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में जागरूकता अभियान चलाए।
RSS का फोकस उन सीटों पर था जहां बीजेपी की स्थिति कमजोर थी। बीजेपी के लिए चुनाव परिणाम बदलने में गैर-जाट मतदाताओं ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
*हरियाणा में बीजेपी की प्रचंड जीत ने फिर से ये बता दिया है कि देश को मोदी की गारंटी पर भरोसा है, स्टार प्रचारक योगी पर भरोसा है और देश के विकास पर भरोसा है। हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक इस बात का संकेत दे रही है कि इसी साल महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले चुनाव भी कांग्रेस पार्टी और तमाम विपक्षी दलों के लिए आसान नहीं रहने वाले। क्योंकि विपक्ष के पास ना तो मोदी का कोई तोड़ है और ना ही योगी जैसा कोई लोकप्रिय नेता।