देश के 21 शैक्षणिक संस्थाओं के 56 प्रतिभाशाली युवाओं ने सहभागिता की
रूपेंद्र सिंह चौहान इंदौर ।
मानव चेतना विकास केन्द्र में राज्य आनंद संस्थान आनंद विभाग मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत दो वर्षीय अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत प्रायोजित 10 दिवसीय आत्मनिर्भर कार्यशाला में देश के 21 शैक्षणिक संस्थाओं से 56 प्रतिभाशाली युवाओं ने भाग लिया।
इस अनुसंधान परियोजना के निदेशक डॉ. अभय वानखेड़े ने बताया कि मध्यस्थ दर्शन, सह अस्तित्ववाद की रोशनी में चेतना विकास मूल्य शिक्षा से विद्यार्थियों में आत्मनिर्भरता के आचरण का अध्ययन किया जाना संभव हो गया है, जिससे विद्यार्थियों में मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक स्वतंत्रता का अध्ययन कर बौद्धिक समाधान और भौतिक समृद्धि को सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला की विषय वस्तु को 12 सत्रों में विभक्त किया गया था। इन सभी सत्रों को केंद्र के युवाओं ने ही अपनी अभी तक की आत्मनिर्भरता के साथ जीने की समझ, प्रयास और अनुभव के आधार पर प्रस्तुत किया। सभी सत्रों का पूर्व और उपरांत आंकलन की जाँच और विश्लेषणात्मक अध्ययन किया गया।
मानवीय शिक्षा विशेषज्ञ और केंद्र के संस्थापक श्री अजय दायमा ने प्रतिदिन होने वाले प्रश्न उत्तर सत्र में युवाओं के जिंदगी से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों का समाधान किया। सभी प्रतिभागियों से अपनी उपयोगिता को पहचान कर जीने के लिए शिक्षा संस्कार के वास्तविक अध्ययन और अभ्यास को किये जाने के लिए प्रोत्साहित किया। समूह चर्चा के सत्र में युवाओं को वास्तविकता की पहचान करने और मानवीय मूल्य, विश्वास, सम्मान, ममता, वात्सल्य, स्नेह, कृतज्ञता, श्रद्धा, गौरव और प्रेम को समझने और जीने में सहयोग प्रदान किया। उपभोक्ता वादी मानसिकता की जगह हमें उत्पादक व पूरक कोने की मानसिकता को जांचने, समझने के व्यावहारिक स्वरूप को स्पष्ट किया। कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संतोष टैगोर, शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय इन्दौर डॉ. अभया दायमा, कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर ए. पी. भंडारकर उपस्थित रहे। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की छात्रा गरिमा परमार ने क्रोध और बोरियत से मुक्त होने के प्रक्रिया को समझाया। अमृता शिंदे और अंशिका सिंह खुशहाली से जीने के लिए इस कार्यशाला को महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में बताया। ग्वालियर से आये छात्र अद्वैत दीक्षित ने कहा की यह कार्यशाला मेरे लिए बहुत ही उपयोगी रही। शाजापुर सी एम् राईज स्कूल के छात्र वंश राना ने विषय वस्तु की सार्वभौमिकता और सहजता को आकर्षक बताया। पीएम एक्सीलेंस महाविद्यालय छिन्दवाड़ा से आये छात्र चंचलेश साहू, शिवम उइके और कुमार विनोद शासकीय महाविद्यालय मुलताई ने मानसिक स्वतंत्रता के अंतर्गत निर्णय कैसे ले सत्र को विशेष उपयोगी बताया। इस आवासीय कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को श्रम से समृद्धि और उत्पादक होकर जीने की प्रेरणा देने के लिए केंद्र की गौशाला, बेकरी, बायोगैस, दुग्ध प्रसंस्करण, कच्ची लकड़ी की तेल घानी, साबुन निर्माण, अर्क निर्माण, वर्षा जल संग्रहण, सोलर बिजली, नर्सरी, बीज बैंक, नेट हाउस में प्रतिदिन कार्य अभ्यास का अवसर दिया गया।
मानव चेतना विकास केंद्र एक परिवार मूलक शैक्षणिक केंद्र है, जो विगत 16 वर्षों से मानवीय शिक्षा के लिए क्रियाशील है। इस केंद्र में भारत के 11 राज्यों से 130 सदस्य रहते है। यहाँ मुख्य रूप से मानव-मानव के साथ और मानव-प्रकृति के साथ जीने का अस्तित्व सहज नियम को समझने, समझाने और जीने की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाता है।
10 दिवसीय राज्य स्तरीय आत्मनिर्भरता कार्यशाला संपन्न

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