रिपोर्ट रुपेंद्र सिंह चौहान
इंदौर। इंदौर जिले में भूमाफियाओं की दबंगई थमने का नाम ही नहीं ले रही है। रोजगार की तलाश में झाबुआ से इंदौर आए आदिवासियों के एक दल को राऊ के एक भाजपा नेता और कॉलोनाइजर ने जान से मारने की धमकी देकर काम रोकने और वापस लौट जाने को कहा है। अब ये आदिवासी न्याय की आस में पुलिस थाने के चक्कर काट रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार झाबुआ जिले के ग्राम मसूरिया के
रजिया पिता पार सिंह ने स्थानीय राऊ थाने में दिए आवेदन में कहा है
कि वह 17 सितंबर 2024 को अपने 25 से अधिक आदिवासी
पुरुष-महिला श्रमिकों के साथ राऊ की कॉलोनी लेण्डमार्क ग्रीन में काम
कर रहा था। इस दौरान समीपस्थ की कॉलोनी का कॉलोनाइजर माखन
मंडले राघव मंडले, माधव मंडले और 10-12 अन्य हथियारबंद लोगों के
साथ आया और हमें काम रोकने की धमकी दी। माखन मंडले ने खुद
को भाजपा का बड़ा नेता बताते हुए हमारे जेसीबी आपरेटर के साथ
मारपीट की और हमें जातिसूचक गालियां दी। रजिया ने बताया कि हम
राऊ थाने और अजजा थाने पर भी शिकायत कर चुके हैं ,लेकिन अब
तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वह हमें काटकर जंगल में फेंक देने की
अब भी लगातार धमकी दे रहा है। हम मजदूरी नहीं करेंगे तो परिवार
का पेट कैसे पालेंगे। वहीं महिलाओं का कहना है कि माखन मंडले ने
हमें पेट्रोल डालकर जिंदा जला देने की धमकी दी है। इस मामले में अब
“मालवा-निमाड़ का आदिवासी संगठन जयस भी बड़ा आंदोलन करने का
मन बना चुका है।”
मंडले और उसके पुत्र राऊ क्षेत्र के रसूखदार है।
अवैध कालोनी काटने में प्रशासन के रडार पर है,
पुलिस पर तो रूपये का जोर लगा दिया है देखते हैं कि कलेक्ट साहब से कैसे बचते हैं। ये मामला तब सामने आया जब शहर में देश की राष्ट्रपति श्रीमति द्रोपदी मुर्मू अपने दो दिवसीय दौरे पर आई थी।
उस दौरान आदिवासियों पर जुल्म की कोई खबर नहीं ली गईं। जिस देश में महामहिम पद पर आदिवासी समुदाय से आसीन हो ऐसे समय भी इस तरह के अत्याचार किए गए और फिर भी इन निरीह आदिवासियों की कोई सुनवाई नहीं हो तो ये समाज के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।