30 सितंबर को सुपर कारिडोर चौराहे पर बड़ा आंदोलन
इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा पांच चरणों में बनाई जा रही अहिल्यापथ योजना को लेकर किसानों मैं आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ऐसी योजनाओं और इंदौर जिले एवं आसपास चल रही उपजाऊ जमीन की अधि ग्रहण की अन्य योजनाओं के खिलाफ किसान एकजुट होना शुरू हो गए हैं । बड़ा बांगड़दा स्थित कलोता समाज की धर्मशाला में पीड़ित किसानों की एक बड़ी बैठक हुई । जिसमें भू माफिया बने इंदौर विकास प्राधिकरण के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने का फैसला किया गया। डेढ़ सौ से ज्यादा किसान इस बैठक में इकट्ठा हुए थे और अधिकांश चाहते थे कि प्राधिकरण और शासन की अधिग्रहण की इन कार्यवाही पर तत्काल रोक लगे। बैठक में फैसला किया गया कि आंदोलन के पहले चरण में सुपर कॉरिडोर चौराहे पर 30 सितंबर को सुबह 10:00 बजे से विशाल धरना दिया जाए। जिसमें हजारों किसानों को इकट्ठा करने की कोशिश हो इसके लिए युवा और जिम्मेदार किसान गांव गांव दौरा करेंगे और किसानों को जागरूक बनाने की कोशिश करेंगे।
बैठक में बबलू जाधव, रायसिंह चावड़ा एडवोकेट, हंसराज मंडलोई,रामस्वरूप मंत्री,डॉ दिलीप चावड़ा, संतोष सुनैर, सुनील सुनैर ,शैलेंद्र पटेल, आदि ने संबोधित किया।
बैठक में शामिल किसानों का कहना था कि हमारा विरोध सड़क से नहीं है बल्कि किसानों की हजारों एकड़ जमीन जिस पर 3 से 4 फसले उगाई जाती है उसी के अधिग्रहण का विरोध है ।इंदौर विकास प्राधिकरण पूरी तरह से भूमाफिया के रोल में है और योजना के नाम पर जरूरत से कई गुना ज्यादा तक जमीन अधिग्रहित कर रहा है जो खेती के लिए और किसानों के लिए नुकसानदायक है ।अतः हमारीमांग है कि यदि सड़क बनाने के लिए भूमि की जरूरत है तो जितनी जमीन सड़क के लिए जरूरी है ।वही अधिग्रहण की जाए साथ ही जमीन का भूमि अधिग्रहण अधिनियम के नियमों के अनुसार चार गुना बाजार भाव से मुआवजा दिया जाए ।
किसानों का कहना है कि मास्टर प्लान की पुरानी सड़कें भी सालों से अधूरी हैं ।मास्टर प्लान में सड़कों को प्रस्तावित किए जाने के बाद आईडीए द्वारा उसे पूरा किया जाता है। मेजर रोड (एमआर रोड) की बात की जाए तो अधिकारियों के द्वारा हर पखवाड़े निरीक्षण कर लिया जाता है, लेकिन पूरी एक भी नहीं हो रही है।आउटर व पश्चिमी रिंग रोड भी पिछले बजट में पारित किया था, लेकिन किसान इसके लिए भी जमीन देने को तैयार नहीं है। एमआर-3, 11, आरई-2 सहित ऐसी सड़कें जो बरसों से अधूरी पड़ी हैं। अब आईडीए ने अहिल्या पथ का बीड़ा उठा लिया है। नायता मुंडला में आईएसबीटी बनकर तैयार है, लेकिन यहां एप्रोच रोड नहीं बन पा रही है। एमआर-11 के लिए भी दर्जनों निरीक्षण हो चुके हैं।
किसानों ने बैठक आक्रोश जताया कि आयडीए अभी तक पुराने प्रोजेक्ट जिनके लिए जमीन अधिकृत कर चुका है वह भी अभी पूरे नहीं हुए और अब अहिल्या पथ के नाम पर हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहण की कोशिश हो रही है।
आईडीए ने पहले से ही 1 से 10 तक टाउन एंड प्लानिंग स्कीम घोषित कर रखी हैं।
बैठक में प्रमुख रूप से पदम सिंह चावड़ा ,मानसिंह पटवारी ,गोकुल पटेल , संतोष सुनेर, छीतर सिंह पहलवान अंतर सिंह नेताजी सीताराम सुनेर , राजेन्द्र यादव,जीवन चावड़ा, कमलसिंह चावड़ा कमलसिंह डाबी, रमेश पटेल, दर्याव सिंह चौहान, कमलधनगर, भगवान सिंह डाबी, हितेंद्र सिंह चौहान ,सुशील जी ठाकुर, प्रहलाद सिंह चौहान आदि किसान शामिल थे।