रिपोर्ट नलिन दीक्षित
देश में इन दिनों मंदिरों के प्रसाद की शुद्धता जांच पर सबकी नजरें टिकी हैं। तिरुपति लड्डू tirupati laddu विवाद के बाद से सभी मंदिर प्रबंधन प्रसाद की शुद्धता जांच करवा रहे हैं। इसी क्रम में खजराना गणेश मंदिर का लड्डू प्रसाद और भोजन प्रसादी भी जांचा गया। भारत सरकार की एजेंसी भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने वर्ष 2023-24 में मंदिर को हाइजीनिक सर्टिफिकेट दिया है। यानी यहां के दोनों प्रसाद शुद्ध हैं।
प्रसाद और अन्नक्षेत्र दोनों में पूरी शुद्धता
श्री गणपति मंदिर प्रबंध समिति खजराना के संचालक पं. अशोक भट्ट ने बताया अन्नक्षेत्र व लड्डू प्रसादी में लगने वाली सामग्री उच्च गुणवत्ता वाली उपयोग की जाती है। लड्डू बनाने के पहले घी, बेसन, शकर, ड्रायफ्रूट्स की क्वालिटी चेक की जाती है। इसी तरह अन्नक्षेत्र में भी तुअर दाल, चावल, मसाले, तेल, केसर, आटा व सभी सामग्री ब्रांडेड होने के साथ उपयोग से पहले परखी जाती है। वर्ष 2022-23 में मंदिर प्रबंधन ने 83 लाख 90 हजार 139 रुपए की सामग्री मानक नियमों के अनुसार खरीदी। इसी कारण एफएसएसएआई द्वारा समय-समय पर शुद्धता का प्रमाण पत्र दिया जाता रहा है। चालू वित्त वर्ष में भी प्रमाण पत्र मिला है।
कितने लड्डू बिकते हैं हर दिन
मंदिर में अंदर 55 व बाहर 30 दुकानें हैं। इसके साथ ही समिति के 3 काउंटर से लड्डू प्रसाद बिकता है। बुधवार को लगभग 75 क्विंटल लड्डू बिकते हैं वहीं सप्ताह के अन्य दिनों में औसत 15 क्विंटल लड्डू की बिक्री होती है। प्रमुख त्योहार जैसे गणेश चतुर्थी, तिल चतुर्थी, नववर्ष के दिन 500 क्विंटल तक लड्डू बिकते हैं। समिति के सदस्यों द्वारा दुकानों पर बिक रहे लड्डू की आकस्मिक जांच की जाती है जिससे दुकानदार भी क्वालिटी के लिए जागरूक रहते हैं।
प्रसाद और अन्नक्षेत्र दोनों में पूरी शुद्धता
श्री गणपति मंदिर प्रबंध समिति खजराना के संचालक पं. अशोक भट्ट ने बताया अन्नक्षेत्र व लड्डू प्रसादी में लगने वाली सामग्री उच्च गुणवत्ता वाली उपयोग की जाती है। लड्डू बनाने के पहले घी, बेसन, शकर, ड्रायफ्रूट्स की क्वालिटी चेक की जाती है। इसी तरह अन्नक्षेत्र में भी तुअर दाल, चावल, मसाले, तेल, केसर, आटा व सभी सामग्री ब्रांडेड होने के साथ उपयोग से पहले परखी जाती है। वर्ष 2022-23 में मंदिर प्रबंधन ने 83 लाख 90 हजार 139 रुपए की सामग्री मानक नियमों के अनुसार खरीदी। इसी कारण एफएसएसएआई द्वारा समय-समय पर शुद्धता का प्रमाण पत्र दिया जाता रहा है। चालू वित्त वर्ष में भी प्रमाण पत्र मिला है।
दुनियाभर के भक्तों को शुद्ध भोजन प्रसादी
अन्नक्षेत्र की प्रबंधक जया महाजन ने बताया कि हर दिन यहां तीन हजार लोग भोजन प्रसादी ग्रहण करते हैं। लोग दान देते हैं जिससे यह सेवा कार्य चलता है। अभी 600 दानदाता हर साल 51 हजार रुपए का दान देते हैं। इसके अलावा हर दिन भी दानदाता मदद करते हैं। दानदाता स्वयं अपने हाथों से भक्तों को भोजन करवाते हैं। भोजन में दाल चावल सब्जी रोटी और खीर रहती है। दोपहर में कड़ी खिचड़ी रहती है। अन्नक्षेत्र 13 साल से यहां पर चल रहा है और दुनियाभर के भक्तों को भोजन प्रसादी कर रहा है।