दुर्ग, भिलाई में आज दुर्ग जिला अस्पताल में मेडिकल स्टाफ ने मेडीकल पेशे को शर्मशार कर दिया कोई सोच सकता है कि मरीज स्ट्रेचर पर पड़ा तड़फ रहा हो और मेडीकल ओपीडी स्टाफ मजे से बर्थडे पार्टी मना रहे हों और केक नास्ते का मजा ले रहे हों।
ड्यूटी डॉक्टर ने घायलों का नहीं किया इलाज
ऐसी ही घटना आज दुर्ग जिला अस्पताल में देखने को मिली 108 एम्बुलेंस दो अत्यंत घायल मरीजों को जिला अस्पताल लेकर पहुंची एक का सिर फटा हुआ था और दूसरे के शरीर में काफी चोटें आई हुई थीं एम्बुलेंस कर्मचारी ने उनका इलाज जल्दी करने के लिये कहा पर बर्थ-डे पार्टी में मस्त डाक्टर और उनका स्टाफ
पार्टी में केक और नास्ते का मजा लेते रहे।
सिविल सर्जन को परिजनों ने फोन किया लेकिन कोई फायदा नहीं
मरीज चूंकि बहुत अधिक घायल था इसलिए जब मेडीकल स्टाफ ने उनकी बात नहीं सुनी तो मरीज के परिजनों ने सिविल सर्जन डॉ हेमंत कुमार साहू को पूरी जानकारी देनी चाही उन्होने कलेक्टर मीटिंग होने की बात कह कर आर एम ओ से शिकायत करने की बात कह कर फ़ोन काट दिया पर अपने मेडीकल स्टाफ को फोन नहीं कर सके।
दबंग केसरी दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता ने इस मामले में दुर्ग जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ
हेमंत कुमार साहू से इस घटना की जानकारी चाही तो उनका कहना है कि इस घटना की उन्हें पूरी जानकारी नहीं थी, वह इस लापरवाही की घटना की पूरी जानकारी लेकर कार्यवाही करेंगे और जो दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई होंगी।
अब आप यह भी जान लें कि यह घटना कोई नई नहीं हैं दुर्ग जिला अस्पताल में आये दिन यही सब मरीजों के साथ होता रहता है डॉक्टर व मेडीकल स्टाफ मरीजों की उपेक्षा करते रहते हैं इसका कारण यह भी है कि दुर्ग अस्पताल में कोई पैसे वाला तो जाता नहीं है क्योंकि उन्हें दुर्ग जिला अस्पताल के डॉक्टर और मेडीकल स्टाफ पर भरोसा ही नहीं है वे अपना इलाज अच्छे अस्पतालों में कराते हैं, दुर्ग जिला अस्पताल में गरीब तबके और मजबूरी के मारे मरीज ही जाते हैं जो किसी लायक नहीं है किसी से शिकायत भी नहीं कर सकते और इन मेडीकल स्टाफ व डॉकटरों का दुर्व्यवहार व उपेक्षा का शिकार होते रहते हैं। गरीबों और हल्के तबके के मरीजों के साथ ऐसा ही दुर्व्यवहार होता है और होता रहेगा इनका तो भगवान ही मालिक है।
इन लोगों के लिये समाजसेवी संस्थाएं एनजीओ आदि आगे आयें और वहां अस्पताल पर नियमित टेबल लगाकर बैठे यदि कोई डॉक्टर व मेडीकल स्टाफ मरीजों के साथ बदसलूकी, लापरवाही करें तो तत्काल समाजसेवी संस्थाएं आगे आकर इनका बैंड बजाय तभी सुधार हो सकता है।
दुर्ग जिला अस्पताल में मरीज स्ट्रेचर पर तड़पता रहा और मेडिकल स्टाफ बर्थडे पार्टी मनाते रहे परिजनों ने इलाज करने को कहा तो बोले कि ओपीडी टायम अब खत्म हो गया है
Leave a comment
Leave a comment