इंदौर शहर के राऊ स्थित अभी भी शहर से लगे इलाकों मे टोल का संचालन किया जा रहा है जब की केंद्रीय परिवहन मंत्री द्वारा ऐसे आस पास के जिलों मे शहर से कम से कम 50 किलोमीटर की दुरी पर ही टोल टेक्स लिया जायेगा इसकी घोसणा पिछले महिनों मे परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा की गई थी उनके द्वारा बताया गया था की ऐसे सभी टोल बंद किए जायेंगे जो शहरी सीमाओं से लगे है जब की प्रशासन अच्छे से जानता है की इंदौर शहर का विस्तार चारों सीमाओं मे हो चूका है और कई कालोनियों भी डबलप हो चुकी है जिसकी जिम्मेदारी रोड से लेकर बिजली के पोल तक सारी जिम्मेदारी नगर प्रशासन की होती है इसके बाद भी प्रसाशन की नींद नहीं खुली है शायद ऐसे जबरन के टोल प्लाजा के कारण यहां जाम की इस्थिति हमेसा ही बनी रहती है और यहाँ के कर्मचारियों द्वारा भी कुछ गाड़ियों द्वारा बगल वाले रोड से पैसे लेकर रबाना कर दिया जाता है जो की अगर शासन टेक्स के रूप मे लेता भी है नहीं पहुंच पाता है इसके अलावा प्रशासन द्वारा टोल प्लाजाओं पर फ़ास्ट टैग की शुरुआत की है लेकिन शहर से लगे टोल प्लाजाओं पर सिर्फ नगद ही लिया जा रहा है जो की यह साफ साफ भ्र्स्ताचार नजर आता है आखिर शासन प्रशासन ऐसे शहरी सीमाओं से लगे टोल प्लाजा को कब बंद करेंगे जिससे इंदौर शहर वासी अपने ही शहर मे टोल देने के बाद यातायात से जूझते रहने वाले राहत महसूस करेंगे