जिला अस्पताल में सेवाओं के प्रदर्शन और गुणवत्ता में सुधार के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं। इस दिशा में किए गए कुछ प्रासंगिक प्रयास निम्नलिखित हैं:
· एनएचएम के अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (अब इसका नया नाम आयुष्मान आरोग्य मंदिर), आपातकालीन कोविड चिकित्सा पैकेज (ईसीआरपी) I और II, 15वां वित्त आयोग, प्रधानमंत्री – आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीए-एबीएचआईएम) हैं।
· नर्सों, एएनएम, परा-चिकित्सा के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण स्थलों के रूप में और चिकित्सा अधिकारियों (एमओ) के लिए डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड (डीएनबी)/सीपीएस पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए जिला अस्पतालों की क्षमता विकसित करने के प्रयास जारी हैं।
· सरकार ने जिला अस्पतालों में रोगी फीडबैक प्रणाली “मेरा अस्पताल” को एकीकृत किया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणन सक्रिय रूप से लागू किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाएं सुरक्षित, रोगी-केंद्रित और गुणवत्ता के सुनिश्चित स्तर की हैं।
· यह देखते हुए कि जिला अस्पतालों के प्रदर्शन का मूल्यांकन डेटा रिकॉर्डिंग और रिपोर्टिंग प्रणाली की सटीकता पर निर्भर है, स्वास्थ्य प्रबंधन और सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) को मजबूत करने के प्रयास किए गए हैं।
· सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में आने वाले मरीजों की जेब से होने वाले खर्च (ओओपीई) को कम करने के वास्ते आवश्यक दवाओं और नैदानिक परीक्षणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत मुफ्त दवा सेवा पहल और मुफ्त निदान पहल शुरू की है।
· ई-संजीवनी जैसे टेली-परामर्श प्लेटफार्मों के माध्यम से विशेषज्ञ देखभाल तक पहुंच को और बढ़ाया गया है।
एचएमआईएस डेटा का उपयोग जिला अस्पतालों के प्रदर्शन के मूल्यांकन में किया जाता है। तदनुसार, एचएमआईएस में दर्ज किए गए डेटा संकेतकों के आधार पर, नीति आयोग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने संयुक्त रूप से 17 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के एक सेट को अंतिम रूप दिया है। इसमें संरचना, प्रक्रिया, आउटपुट और परिणाम पर डोमेन शामिल हैं। मूल्यांकन के दूसरे दौर के लिए, कुल जिला अस्पतालों के लगभग 10 प्रतिशत अस्पतालों से संबंधित भौतिक रिकॉर्ड के मुकाबले एचएमआईएस-रिपोर्ट किए गए डेटा का सत्यापन किया जाएगा।
यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।