इंदौर।
देश भर में 7432 सार्वजनिक फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए पीएसयू तेल विपणन कंपनियों को 800 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये
85 कंपनियां (चैंपियन ओईएम के तहत 18 और कंपोनेंट चैंपियन के तहत 67) पीएलआई ऑटो कार्यक्रम लागू कर रही हैं; योजना में 67,690 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने की संभावना है
भारत में एडवांस केमिस्ट्री सेल, बैटरी स्टोरेज के लिए पीएलआई के तहत 7 साल के लिए विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना के लिए 18,100 करोड़ रुपये रखे गए हैं
1363.78 करोड़ रुपये की परियोजना लागत वाली 32 परियोजनाएं
ये परियोजनाएं भारतीय पूंजीगत माल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने की योजना के चरण- II के तहत अनुमोदित हैं
वर्ष के दौरान भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) की प्रमुख पहल/उपलब्धियां/घटनाएं इस प्रकार हैं:
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण योजना का चरण II
सरकार स्वच्छ और हरित सार्वजनिक परिवहन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और वाहन उत्सर्जन के मुद्दे को संबोधित करने के उद्देश्य से फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) योजना के चरण- II को लागू कर रही है। इस योजना का परिव्यय 1 अप्रैल, 2019 से शुरू होकर पांच साल की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये था। “भारत में दूसरे चरण में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण करने” के परिव्यय को 10,000 करोड़ रुपये से बढाकर 11,500 करोड़ रुपये कर देने के प्रस्ताव की व्यय विभाग (डीओई) द्वारा जांच की गई है और योजना के उद्देश्यों पर विचार करते हुए इसे मंजूरी दे दी गई है। यह चरण मुख्य रूप से सार्वजनिक और साझा परिवहन के विद्युतीकरण का समर्थन करने पर केंद्रित है, और इसका उद्देश्य ई-बसों सहित ई-वाहनों की मांग को प्रोत्साहन के माध्यम से समर्थन देना है। इसके अलावा, इस योजना के तहत चार्जिंग बुनियादी ढांचे के निर्माण को भी समर्थन दिया जाता है।
एमएचआई द्वारा ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू और ई-4डब्ल्यू के लिए प्रोत्साहन की मांग:
फेम इंडिया योजना के चरण II के तहत, 1 दिसम्बर, 2023 तक, 11,53,079 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को 5,228 करोड़ रुपये राशि की सब्सिडी दी गई है।
एमएचआई द्वारा ई-बसों के लिए प्रोत्साहन की मांग:
अभी तक फेम-II के तहत, विभिन्न एसटीयू/सीटीयू/नगर निगमों ने एमएचआई द्वारा स्वीकृत संख्या के मुकाबले 3390 ई-बसों के लिए आपूर्ति आदेश दिए हैं। उनमें से अब तक 3037 ई-बसें तैनात की जा चुकी हैं। इसके अलावा, अन्य 3,472 ई-बसों का मामला नीति आयोग के एकत्रीकरण मॉडल के तहत कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के माध्यम से निपटाया जा रहा है। इन 3,472 ई-बसों में से 454 इलेक्ट्रिक बसें तैनात की गई हैं। इस प्रकार, FAME-II योजना के तहत, कुल 3390+3472 = 6862 ई-बसें अंततः विभिन्न राज्यों में तैनात की जाएंगी।
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन:
कुल 148 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) कमीशन किए गए हैं।28 मार्च, 2023 को, एमएचआई ने देश भर में 7432 तेज गति वाले सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए पीएसयू तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) – इंडियन ऑयल (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) को फेम-II के तहत 800 करोड़ रुपये की मंजूरी की घोषणा की।
ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल घटकों के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना
ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल घटक क्षेत्र में भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के उद्देश्य से, सरकार ने इस क्षेत्र के लिए 5 वर्षों की अवधि के लिए 25,938 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ ‘उत्पादन- आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना’ को मंजूरी दी। पीएलआई योजना, ‘उन्नत स्वचालित प्रौद्योगिकी’ (एएटी) उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और स्वचालित विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में निवेश आकर्षित करने के लिए, वित्तीय प्रोत्साहन का सुझाव देती है। इसके मुख्य उद्देश्यों में लागत संबंधी बाधाओं पर काबू पाना, इकनॉमीज़ ऑफ स्केल बनाना तथा उन्नत स्वचालित प्रौद्योगिकी उत्पादों के क्षेत्रों में एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना शामिल है। इस योजना से रोजगार भी पैदा होगा। यह योजना ऑटोमोबाइल उद्योग को मूल्य श्रृंखला से उच्च मूल्यवर्धित उत्पादों की ओर ले जाने में सुविधा प्रदान करेगी। योजना के अन्तर्गत अनुमोदित ‘चैंपियन ओईएम’ श्रेणी के तहत 18 कंपनियां और ‘घटक चैंपियन’ श्रेणी के तहत 67 कंपनियां पीएलआई ऑटो कार्यक्रम लागू कर रही हैं। कार्यान्वयन फर्मों द्वारा किया जाने वाला कुल अनुमानित निवेश रु.67,690 करोड़ है। घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) के प्रमाणन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार की गई है और 27 अप्रैल, 2023 को अनुमोदित पीएलआई आवेदकों के साथ साझा की गई है। वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही तक 11,958 करोड़ रुपये की कुल निवेश राशि दर्ज की गई है। टाटा मोटर्स और एमएंडएम को उन्नत स्वचालित प्रौद्योगिकी (एएटी) और घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं।