एमओआईएस चालकों की सहायता के लिए एक उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली है ।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 जैसा कि समय-समय पर संशोधित किया जाता है, में बेहतर सड़क सुरक्षा के लिए यातायात नियमों के उल्लंघन पर बढ़े हुए दंड का प्रावधान है। यातायात कानूनों को लागू करना संबंधित राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन के दायरे में आता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भारत (एनएचएआई) ने 1033 कॉल सेंटर ऑपरेटरों को निकटतम उपलब्ध ऑन-रोड यूनिट (एम्बुलेंस/क्रेन/गश्ती इकाई) का पता लगाने में सहायता के लिए एक कंप्यूटर एडेड डिस्पैच सिस्टम का निर्माण किया है और ऑन-रोड इकाइयों को डिस्पैच संबंधी जानकारी रिले करने के लिए एनएचएआई ईआरएस मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है। आपातकालीन कॉलों पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए यह प्रणाली विकसित की गई है।
सरकार की तकनीकी समितियों अर्थात केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली-तकनीकी स्थायी समिति (सीएमवीआर-टीएससी) और ऑटोमोटिव उद्योग मानक समिति (एआईएससी) ने एम2 (श्रेणी एम2 का अर्थ है यात्रियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मोटर वाहन, जिसमें चालक की सीट के अलावा नौ या अधिक सीटें हों और अधिकतम सकल वाहन वजन पांच टन से अधिक न हो), एम3 (श्रेणी एम3 का मतलब यात्रियों की ढुलाई के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मोटर वाहन है जिसमें ड्राइवर की सीट के अलावा नौ या अधिक सीटें हों और जिसका कुल वाहन वजन पांच टन से अधिक हो), एन2 (श्रेणी एन2 का मतलब है एक मोटर वाहन जिसका उपयोग माल की ढुलाई के लिए किया जाता है और जिसका कुल वाहन वजन 3.5 टन से अधिक हो लेकिन 12 टन से अधिक नहीं हो) और एन3 (श्रेणी एन3 का अर्थ है एक मोटर वाहन जिसका उपयोग माल की ढुलाई के लिए किया जाता है और जिसका सकल वाहन वजन 12 टन से अधिक है)।
एमओआईएस एक उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली है जो ड्राइवरों को ऐसे संवेदनशील स्थानों से धीमी गति से वाहनों को हटाने में सहायता करती है जिससे कि उपरोक्त श्रेणी के वाहनों और संवेदनशील सड़क उपयोगकर्ताओं (पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों) के बीच टकराव की स्थिति पैदा न हो। एमओआईएस वाहनों के आगे के ब्लाइंड-स्पॉट के बिल्कुल निकट पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों की उपस्थिति का पता लगाती है और चालक को सूचित करती है।
यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।