शहर में ज्यादातर नई गाड़ियां बिना रजिस्ट्रेशन और बिना नंबर प्लेट के चल रही हैं, जबकि नियम यह है कि दोनों काम होने के बाद ही गाड़ी की डिलीवरी दी जा सकती है।
आरटीओ ने इस मामले में परिवहन आयुक्त के पुराने आदेश का हवाला देते हुए सभी डीलर्स को चिट्ठी भेजो थी, लेकिन इसका असर किसी भी डीलर पर आज तक नहीं हुआ। यहां तक की किसी डीलर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि सड़कों पर सैंकड़ों गाड़ियां बिना रजिस्ट्रेशन के हो दौड़ रही हैं अगर कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा इस बारे में कोई भी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। ‘मोटर यान नियम 1989 के नियम-35 में क्या है ? चिट्ठी के मुताबिक नई गाड़ियां बेचने के लिए केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम-35 के तहत ट्रेड सर्टिफिकेट दिया जाता है। है कि अस्थायी या स्थायी रजिस्ट्रीकरण के बिना गाड़ी शोरूम से बाहर नहीं जा सकती। सैकड़ों गाड़ियां बिना नंबर प्लेट के बाहर आ रही हैं उन गाड़ियों को पुालिस चैकिंग अभियान में रोक कर चालानी कार्रवाई भी कर रही है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
सभी डीलर्स को निर्देश दिए हैं कि बेची गई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करने और हाई सिक्युरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने के बाद ही गाड़ी दें। उन्हें चेताया है कि नंबर प्लेट, बीमा आदि के बगैर गाड़ी देने के मामले में यदि सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत होती है तो ट्रेड सर्टिफिकेट तुरंत निरस्त कर दिया जाएगा या फिर जुर्माना भरना पड़ सकता है