त्रयंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है और यह भगवान शिव को समर्पित है। यह हिंदू धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है और भक्तों के बीच बड़े प्रतिष्ठान पाने वाला है।
इतिहास:
त्रयंबकेश्वर मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था, जिसे मराठा राजा श्रीमंत नानासाहेब पेशवा ने संरक्षण दिया। मंदिर का निर्माण वास्तुकला में आकृतिगत सौंदर्य को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
विशेषताएं:
ज्योतिर्लिंग: त्रयंबकेश्वर मंदिर में एक अद्वितीय ज्योतिर्लिंग स्थित है, जिसे देवों के देव, महादेव के रूप में पूजा जाता है।
आर्चिटेक्चर: मंदिर की वास्तुकला भव्यता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें हेमाद्रि स्तूप के साथ मिलकर एक शैलीकल बनती है।
काल सर्प दोष निवारण: मंदिर को उन व्यक्तियों के बीच भी प्रसिद्ध किया जाता है जिन्होंने काल सर्प दोष से ग्रसित होने पर यहां पूजा की है और अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया है।
त्रिमय: शिव, विष्णु, और ब्रह्मा की साथी रूप में यहां त्रिमय शिवलिंग स्थित है, जो हिन्दू धर्म के त्रिमूर्ति सिद्धांत को दर्शाता है।
कुशावर्त तीर्थ: यहां स्थित कुशावर्त तीर्थ का भी महत्व है जिसमें सिंहस्थ कुम्भ मेला का आयोजन होता है और लाखों भक्त यहां आकर स्नान करते हैं।
इस प्रमुख शैलीकला के साथ, त्रयंबकेश्वर मंदिर ने अपने आदर्श वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए भारतीय सांस्कृतिक एवं धार्मिक ऐतिहासिक स्थलों में अपनी पहचान बनाई है।