छत्रपति शिवाजी महाराज, भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक थे जो 17वीं सदी में मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले थे। उनका जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था और उनका नाम शिवाजी भोसले था। शिवाजी का कार्यकाल 1674 में समाप्त हुआ लेकिन उनके योगदान की बातें आज भी इतिहास में जीवंत हैं।
युद्ध से संबंधित:
अफझलखान की हरण:
शिवाजी ने 1659 में अफझलखान की हरण की घड़ी में अपने युद्धकुशलता का प्रदर्शन किया और स्वतंत्र मराठा साम्राज्य की नींव रखी।
प्रतापगड़ की लड़ाई:
शिवाजी ने 1659 में प्रतापगड़ की लड़ाई में अद्वेर्सरी को पराजित करके अपने शौर्य का प्रदर्शन किया।
पानीपत की लड़ाई:
उनके सेनानायक, श्रीनिवासराव पोतदार, ने पानीपत की लड़ाई में मुगल सेना को हराया और मराठा साम्राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण जीत दर्ज की।
पुरंदर की सजगता:
शिवाजी ने पुरंदर की सजगता में विजय प्राप्त की और इस सामरिक सफलता ने उन्हें राजनीतिक दृष्टि से भी मजबूती प्रदान की।
कार्यकाल से संबंधित:
रायगढ़ का निर्माण:
शिवाजी ने रायगढ़ दुर्ग की नींव रखी और इसे मराठा साम्राज्य की राजधानी बनाया।
स्वराज्य स्थापना:
1674 में, शिवाजी ने रायगढ़ पर स्वराज्य स्थापित किया और छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक किया।
उनके कार्यकाल में, शिवाजी ने अनेक युद्धों में सक्षमता दिखाई और मराठा साम्राज्य को बढ़ावा दिया।
रायगढ़ का आपातकालीन व्यवस्थापन:
शिवाजी ने रायगढ़ पर आपातकालीन व्यवस्थापन को सुधारा और समृद्धि के लिए कई प्रमुख कदम उठाए।
नावल शक्ति और सागर यात्रा:
उन्होंने मराठा साम्राज्य की नावल शक्ति को बढ़ावा दिया और सागर यात्राएं करने के माध्यम से व्यापार को बढ़ावा दिया।