संस्कृत और वेद विद्यालयों से अब सिर्फ वेदपाठी या फिर पूजा-पाठ कराने वाली पौध ही तैयार नहीं होगी, बल्कि इनसे अब स्मार्ट और हुनरमंद बच्चे भी तैयार होंगे। जो संस्कृत और वेद के साथ ही कंप्यूटर पर काम करने में दक्ष होंगे। साथ ही वह किसी न किसी कौशल (स्किल) में भी पारंगत होंगे।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत देशभर के स्कूलों को स्मार्ट और विश्वस्तरीय
इसका जिम्मा देशभर में संचालित
किए जा रहे हैं।
- छात्रों को दिया जाएगा कौशल हाल ही में संस्कृत व वेद विकास से जुड़ा प्रशिक्षण।
- महर्षि सांदीपनि बोर्ड ने मंत्रालय से भी साधा संपर्क ।
संस्कृत व वेद विद्यालयों के नियमितीकरण के लिए गठित किए गए सांदीपनि राष्ट्रीय संस्कृत शिक्षा बोर्ड को सौंपा है। साथ ही बोर्ड से इन सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसका पूरा खाका तैयार करने को कहा है।
इस बीच बोर्ड ने कौशल विकास मानकों के अनुरूप तैयार करने में और उद्यमशीलता मंत्रालय से भी जुटे शिक्षा मंत्रालय ने अब देशभर इसे लेकर संपर्क किया है। इस दौरान के संस्कृत और वेद विद्यालयों को संस्कृत और वेद विद्यालयों के लिए भी जोड़ने की योजना बनाई है। कौशल विकास से जुड़े कुछ विशेष और वेद विद्यालय निजी मदद या शिक्षा मंत्रालय ने फिलहाल कोर्स डिजाइन करने का भी अनुरोध फिर ट्रस्ट आदि द्वारा भी संचालित किया है।
जिसमें इन स्कूलों की गुणवत्ता को ठीक करने और उन्हें दूसरे स्कूलों के समकक्ष तैयार करने को लेकर लंबी चर्चा की गई। इस दौरान इन स्कूलों से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए विद्याजंलि योजना की तर्ज पर काम करने पर भी जोर दिया गया। गौरतलब है कि मौजूदा समय में देशभर में सरकारी मदद से करीब पांच सौ संस्कृत और वेद विद्यालय संचालित हो रहे हैं |