मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने शासन को नोटिस जारी कर पूछा है कि शहर में धार्मिक स्थलों, शैक्षणिक संस्थानों, रहवासी क्षेत्रों में शराब की दुकानें किस नियम के तहत संचालित हो रही हैं? शासन को चार सप्ताह में जवाब देना है।
कोर्ट ने शासन को यह नोटिस उस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जारी किया है जिसमें बताया गया है कि नियमानुसार शिक्षण संस्थान, धार्मिक स्थल, रहवासी क्षेत्रों में शराब दुकानें संचालित नहीं की जा सकतीं, लेकिन ऐसा हो रहा है और शासन न कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। हाई कोर्ट में जनहित याचिका मातृ फाउंडेशन की ओर से एडवोकेट अमेय बजाज ने दायर की है। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र द्वारा जारी अधिसूचनाओं में स्पष्ट है धार्मिक संस्थान, शिक्षण के संस्थान, रहवासी क्षेत्रों, नशामुक्ति केंद्रों, राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब से दुकानें संचालित नहीं हो सकती। इसके बावजूद इंदौर में 173 और पूरे प्रदेश में 3405 इस तरह की दुकानें संचालित हो रही हैं। की कलेक्टर को इस तरह की शराब से दुकानों को बंद कराने का अधिकार है