मूल्यांकन की गड़बड़ी की वजह से मास्टर आफ जर्नलिज्म (एमजे) पाठ्यक्रम का परिणाम देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को संशोधित करना पड़ा है। पहले जहां 22 छात्र-छात्राएं में फेल हो चुके थे, अब यह संख्या घटकर सिर्फ तीन रह गई है। 94 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हो गए हैं। अधिकारियों के अनुसार कापी जांचने वाले मूल्यांकनकर्ता को नोटिस थमा दिया है। सात दिन में उत्तर मांगा गया है। उसके बाद मूल्यांकनकर्ता पर कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल 3 अक्टूबर को एक वर्षीय एमजे पाठ्यक्रम का परिणाम घोषित हुआ था। 44 में से 22 छात्र-छात्राएं फेल हो गए। विद्यार्थियों ने रिव्यू का आवेदन किया और कापी देखने पहुंचे। जहां उन्होंने पाया कि
100 के बजाय 60 पूर्णांक के लिहाज से प्राप्तांक दिए गए हैं।
इसके कारण मीडिया रिसर्च और एनालिसिस, नेशनल व इंटरनेशनल इशू विषयों में अधिकांश विद्यार्थी फेल हो गए। पूर्णांक के बारे में विद्यार्थियों को उत्तरपुस्तिका के मुख्य पृष्ठ पर दर्शाए अंक से पता चला, जबकि इनके प्रत्येक विषय का प्रश्नपत्र 100 अंक का हुआ था। मामले में छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को
मामला परीक्षा समिति के समक्ष रखा गया। उसके बाद परिणाम संशोधित’ करने पर सहमति बनी। विश्वविद्यालय ने पहला परिणाम अमान्य कर दिया और शुक्रवार को एमजे का नया संशोधित परिणाम घोषित किया। इसमें 44 में से 41 विद्यार्थी उत्तीर्ण हो गए।
शिकायत दर्ज करवाई। तत्काल कापियों को दोबारा जांचा गया, जिसमें मूल्यांकन में गड़बड़ी सामने आई।
मूल्यांकनकर्ता को नोटिस देकर उत्तर मांगा है। उसके बाद ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई की जाएगी।
- डा. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक