इंदौर।
आयुष मंत्रालय मध्य प्रदेश शासन के निर्देशन में शासकीय अष्टांग आयुर्वेद हॉस्पिटल इंदौर में 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस बार की थीम तंबाकू और निकोटिन उत्पादन पर उद्योगों की रणनीति को उजागर करना है तथा नीति निर्माता और सरकार से सख्त नीति और दिशा निर्देश बनाने के लिए आग्रह करना है।
इसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ निधि जैन बुखारिया, मनो चिकित्सक ने बताया कि नशे पर पाबंदी के लिए सरकार अनेक प्रकार की योजनाएं बना रही है, नशा छोड़ने के बाद अनेक प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं जिनको काउंसलिंग के द्वारा दूर किया जा सकता है l
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ एस के नायक प्रभारी प्राचार्य द्वारा तंबाकू के शरीर पर प्रभाव की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि तंबाकू के अधिक प्रयोग से मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इसको जागरूकता के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
कार्यक्रम मे संचालक आयुर्वेद कैंसर यूनिट डॉ अखलेश भार्गव ने बताया कि आयुर्वेद दवाइयां के द्वारा कैंसर के मरीजों में लाभ देखा जा रहा है और पूरे भारतवर्ष से मरीज कैंसर का इलाज कराने आयुर्वेद अस्पताल इंदौर में आ रहे हैं।
कार्यक्रम की शुरूआत भगवान धन्वंतरि के पूजन से की गई।समन्वय पद्धति से चिकित्सा करने पर मरीज में अच्छे परिणाम आते हैं। कार्यक्रम डॉ धर्मेंद्र शर्मा, डॉ विमल अरोड़ा, डॉ दिनेश मालवीय, डॉ शेखर पटेल, डॉ नितिन उरमलिया,डॉ आनंद वर्मा, डॉ प्रीति हरदेनिया, डॉ शिरीष श्रीवास्तव एवं अनेक डॉक्टर्स, प्रोफेसर, छात्र-छात्राएं एवं इंदौर शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।