रिपोर्ट नलिन दीक्षित
चीन की डिमांड के बावजूद टैरिफ तनाव से सोने पर बना दबाव।
लंदन वॉल्ट्स में अप्रैल में गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी दर्ज हुई।
निवेशकों का रुझान गोल्ड से हटकर अब व्यापारिक आशावाद की ओर बढ़ रहा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूनाइटेड किंगडम के साथ एक व्यापार समझौते की घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को सोना लगभग 2% गिरकर $3,301.15 प्रति औंस पर आ गया, जबकि अमेरिका के सोना वायदा अनुबंध (Gold Futures) 2.5% गिरकर $3,306 तक पहुंच गए।
व्यापार समझौता बना गिरावट की वजह
ट्रंप और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने एक “ब्रेकथ्रू डील” की घोषणा की, जिसमें ब्रिटेन ने अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ 5.1% से घटाकर 1.8% कर दिया, जबकि अमेरिका ने UK से आयातित वस्तुओं पर 10% टैरिफ को बनाए रखा। इस समझौते ने अन्य देशों के साथ भी व्यापार समझौतों की उम्मीदें जगा दी हैं, जिससे निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश यानी गोल्ड से हटने लगा है।
बाजार रणनीतिकार बॉब हेबरकोर्न के अनुसार, “अगर अमेरिका और चीन के बीच भी व्यापार समझौता हो जाता है, तो सोने की कीमतों में और गिरावट आ सकती है और यह $3,200 तक पहुंच सकता है।”
चीन की डिमांड बढ़ने के बावजूद दबाव
हालांकि चीन के केंद्रीय बैंक ने हाल ही में वाणिज्यिक बैंकों को विदेशी मुद्रा का उपयोग कर सोने का आयात करने की मंजूरी दी है, जिससे मांग बढ़ने की उम्मीद थी।
विश्लेषक ज़ैन वावडा के अनुसार, “सैद्धांतिक रूप से इससे कीमतें बढ़नी चाहिए थीं, लेकिन वर्तमान में बाजार पर टैरिफ से जुड़ी घटनाएं हावी हैं।
चांदी की कीमतें स्थिर रहीं और यह $32.43 प्रति औंस पर रही।
प्लैटिनम 0.3% की बढ़त के साथ $976.67 पर पहुंच गया।
पैलेडियम की कीमत 0.1% गिरकर $971.94 रही।
लंदन में बढ़े गोल्ड रिजर्व
अप्रैल में लंदन के वॉल्ट्स में सोने के भंडार में वृद्धि दर्ज की गई है।
इससे पहले दिसंबर से मार्च के बीच अमेरिकी टैरिफ के डर से सोने की आपूर्ति को अमेरिका भेजा गया था, ताकि COMEX पोजिशन को सुरक्षित किया जा सके।