रिपोर्ट नलिन दीक्षित
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद हर मोर्चे पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लिए बुरी खबर सामने आ रही है।
पाकिस्तान में फौजी कम, भिखारी ज्यादा! भारत को ललकारने पर हो रही ‘इंटरनेशनल बेइज्जती सऊदी अरब में पाकिस्तान के इतने भिखारी हो गए हैं।
कि उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी जारी की है।
इसके अलावा मक्का की मस्जिद से गिरफ्तार हुए 90 प्रतिशत पॉकेटमार पाकिस्तानी हैं.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को युद्ध की धमकी दी है, जबकि देश में 2 करोड़ भिखारी मौजूद हैं सऊदी अरब ने हाल ही में 4,700 पाकिस्तानी भिखारियों को निर्वासित किया।
बढ़ती भिखारी आबादी से पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि और अर्थव्यवस्था दोनों को भारी नुकसान हो रहा है।
2 करोड़ भिखारी पाकिस्तान में हैं, जो हर साल 42 अरब रुपए कमाते हैं।
पाकिस्तान में सेना से ज्यादा भिखारी हैं पाकिस्तानी सेना के पास 6.54 लाख एक्टिव और 5.5 लाख रिजर्व सैनिक हैं।
भिखारियों की बढ़ती संख्या देश की दुनिया में छवि बिगाड़ रही है।
एक तरफ जहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान के वृद्धि दर के कम रहने का अनुमान लगाया है तो वहीं दूसरी तरफ वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी दी है।
वर्ल्ड बैंक ने वार्निंग देते हुए कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में करीब एक करोड़ लोगों के सामने भुखमरी का संकट पैदा होगा. इसके साथ ही, गरीबी के स्तर में भी तेजी के साथ इजाफा होगा।
पाकिस्तान में गरीबी बढ़ने की चेतावनी से पहले वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में वहां की आर्थिक रफ्तार को 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
इसकी वजह वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान में कड़ी आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार माना है।
शाहबाज शरीफ की सरकार वार्षिक बजट घाटा (Annual Fiscal Deficit) के अपने लक्ष्य को भी पूरा करने में विफल रही है और इससे जीडीपी के मुकाबले पाकिस्तान का ऋण का बोझ और बढ़ने का अनुमान है।
मौसम की वजह से पाकिस्तान का पूरा कृषि उत्पाद प्रभावित होगा और प्रमुख फसलें जैसे- चावल, बाजरा की फसलें बुरी तरह से प्रभावित होंगी. इसमें आगे कहा गया है कि करीब 1 करोड़ लोग पाकिस्तान में (अधिकतर ग्रामीण इलाकों में) भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे।
प्रमुख सेक्टर जैसे कृषि, मैन्युफैक्चरिं और अन्य कम मजदूरी वाली सेवाओं पर नकारात्मक असर रहेगा, जिसकी वजह से दैनिक मजदूरी भी नहीं बढ़ पाएगी।
वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान के लिए एक और चेतावनी जारी करते हुए कहा कि उसकी आबादी का करीब दो फीसदी यानी 19 लाख लोग मौजूदा वित्तीय वर्ष में गरीबी रेखा के नीचे चली जाएगी. इतना ही नहीं, पाकिस्तान में रोजगार-से-जनसंख्या अनुपात 49.7% है।
जो विशेष रूप से ये जाहिर करता है कि युवाओं और महिलाओं में श्रम बाजार की भागीदारी बहुत ही कम है।