रिपोर्ट नलिन दीक्षित
दिल्ली-गाजियाबाद के बॉर्डर पर दिखने वाला कचरे का पहाड़ देश की राजधानी में राजनीति की दिशा और दशा बदलने का काम करता रहा है. जबकि देश का एक शहर ऐसा है जिसने इस कचरे से ना सिर्फ कमाई करने का बल्कि शहर की परिवहन सेवा सुधारने का भी रास्ता निकाला हुआ है।
देश के सबसे साफ शहर इंदौर में कचरे से सिटी बसों को चलाने का काम कई सालों से चल रहा है. वहीं इस कचरे से जो बायो CNG तैयार होती है।
उससे नगर निगम की कमाई अलग से होती है. इंदौर साल 2018 से ही कचरे से बायो CNG तैयार कर रहा है।
इंदौर की देवी अहिल्याबाई सब्जी मंडी से हर दिन 20 से 30 टन कचरा निकलता है. सबसे बड़ी बात ये है कि ये कचरा पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल कचरा होता है।
ऐसे में इंदौर नगर निगम ने इसके निपटारे का बेहतरीन तरीका काफी साल पहले ही निकाल लिया था. इंदौर ने बायो CNG प्लांट लगाया है।
जहां रोज 20 टन तक गीले कचरे तक की खपत हो जाती थी. इससे जो बायो-CNG गैस तैयार होती है, उससे नगर निगम शहर में ना सिर्फ सिटी बस चलाता है. बल्कि कई अन्य वाहनों के लिए रीफिल स्टेशन पर गैस को उपलब्ध भी कराता है।
इसकी वजह से नगर निगम को हर महीने लाखों की कमाई होती है और बस के ईंधन पर होने वाले खर्च की बचत भी होती है।
पिछले साल सितंबर के महीने में इंदौर नगर निगम से ‘GOBARdhan’ प्लांट लगाया था. इससे हर दिन 17,000 किलो बायो-CNG तैयार होती है।
इसका इस्तेमाल शहर में ईंधन के विकल्प के तौर पर किया जाता है।
ये हर साल 1.30 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड की बचत करता है, जो शहर के वातावरण को साफ रखने में भी मदद करता है. ये बायो-CNG प्लांट देश का ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा ऐसा प्लांट है।