कॉरिडोर की प्रगति को लेकर कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न
इंदौर, 04 अप्रैल 2025
पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर मध्य प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में उभर रहा है।
यह कॉरिडोर इंदौर और पीथमपुर को जोड़ने के साथ-साथ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा और उद्योग, रोजगार व समग्र आर्थिक प्रगति के लिए एक नया मॉडल स्थापित करेगा।
कॉरिडोर की प्रगति को लेकर आज यहां एमपीआईडीसी कार्यालय में कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने और जमीन मालिकों से सकारात्मक संवाद स्थापित कर सहमति प्राप्त करने के निर्देश दिए गए।
*मिशन मोड में होगा कार्यान्वयन*
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बैठक में कहा कि यह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे समय-सीमा में पूरा करने के लिए प्रशासन को मिशन मोड में कार्य करना होगा। एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक श्री राजेश राठौड़ ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से परियोजना की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि इंदौर बड़े शहरों का अनुसरण करने के बजाय, खुद को नवाचार का केंद्र बनाए।
इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा। उन्होंने कहा कि यदि परियोजना को परिकल्पना के अनुरूप विकसित किया गया, तो इंदौर अन्य शहरों से प्रेरणा लेने के बजाय खुद एक मॉडल बनेगा, ठीक वैसे ही जैसे शहर का स्वच्छता मॉडल पूरे देश में अपनाया जा रहा है।
*कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए निर्देश*
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बैठक में कहा कि इस तरह की महत्वपूर्ण योजनाएं सरकार और प्रशासन की छवि को मजबूत करती हैं और इनके समय पर क्रियान्वयन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिलता है।
उन्होंने निर्देश दिए कि भूमि अधिग्रहण में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों को जमीन मालिकों से व्यक्तिगत रूप से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का समाधान करना होगा। राजस्व संबंधी लंबित कार्यों का तुरंत निराकरण किया जाए।
यदि आवश्यक हो तो अधिकारी खुद जमीन मालिकों से मिलें और उनकी सहमति सुनिश्चित करें।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री सिद्धार्थ जैन, एडीएम एवं योजना नोडल अधिकारी सुश्री ज्योति शर्मा, राऊ एसडीएम श्री गोपाल वर्मा, देपालपुर एसडीएम श्री राकेश मोहन त्रिपाठी, महू एसडीएम श्री राकेश परमार, मल्हारगंज एसडीएम सुश्री निधि वर्मा, तहसीलदार, पटवारी, राजस्व निरीक्षक, पंचायत सचिव तथा परियोजना से जुड़े 17 गांवों के राजस्व अधिकारी और एमपीआईडीसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
*कॉरिडोर से खुलेंगे समृद्धि के द्वार*
इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण से औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे। पश्चिमी इंदौर का तेजी से विकास होगा और स्थानीय निवासियों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा। इंदौर और पीथमपुर के बीच की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी, जिससे सफर का समय घटकर मात्र 15-20 मिनट रह जाएगा। जमीन की मांग और उसकी गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे निवेश आकर्षित होगा।
*अधिकारियों को मिलेगा पुरस्कार*
श्री राजेश राठौड़ ने बताया कि परियोजना के लिए तीन माह में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राजस्व अमले को समय पर अधिग्रहण पूरा करने के लिए पुरस्कृत करने का प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों के सामने रखा जाएगा।
*क्या है पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर*
पीथमपुर, धार जिले का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है, जहां पहले से ही विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) और 1500 से अधिक कंपनियां कार्यरत हैं। इसे “मध्य प्रदेश का डेट्रॉइट” भी कहा जाता है।
इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर 20 किलोमीटर लंबा होगा। पीथमपुर के सेक्टर 7 से शुरू होकर इंदौर एयरपोर्ट तक होगा। 75 मीटर चौड़ा होगा, जिसमें दोनों ओर 300-300 मीटर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। इसे औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाया जाएगा।
इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से इंदौर और पीथमपुर का आर्थिक और औद्योगिक विकास नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। यह परियोजना इंदौर के विकास का एक नया मानक स्थापित करेगी और अन्य शहरों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।