रिपोर्ट नलिन दीक्षित
प्राचीन भारतीय ज्ञान को प्रदर्शित करने वाला बाण स्तंभ 1500 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है, जिसका सोमनाथ मंदिर के साथ-साथ जीर्णोद्धार किया गया था।
बाण स्तम्भ के ऊपरी सिरे में दक्षिण की ओर इंगित करता एक तीर लगाया हुआ है, जिसपर संस्कृत में लिखा है।
आसमुद्रांत दक्षिण ध्रुव, पर्यंत अबाधित ज्योर्तिमार्ग।
अर्थात _समुद्र के इस बिंदु से लेकर दक्षिणी ध्रुव तक एक ज्योति मार्ग है, जिसमे कोई भी भूखंड अथवा पहाड़ नहीं है।
वास्तविकता यही है कि इस दिशा में सीधे दक्षिणी ध्रुव ही है, बीच में कोई भी अवरोध नहीं है.