रिपोर्ट नलिन दीक्षित
जिम्मेदार जो कारनामा करे सो कम हर साल इंदौरी गेर को यूनेस्को में शामिल करने के लिए जिम्मेदारों से लेकर मीडिया द्वारा ढिंढोरा पीटा जाता है।
लेकिन हकीकत यह है कि 75 साल से लगातार निकल रही अपनी इंदौरी गेर अब तक राष्ट्रीय धरोहर के रूप में ही चिन्हित नहीं हो सकी है।
ऐसे में यूनेस्को में शामिल होना को बहुत दूर की बात है इस हकीकत को खुद केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय में पदस्थ अपर सचिव मोनिका राय ने एक मीडिया समूह से किया है।
इनका साफ कहना है कि इंदौरी गेर अभी नेशनल इन्वेंट्री यानी राष्ट्रीय धरोहर में ही शामिल नहीं है… अगर गेर को यूनेस्को में भेजना है तो पहले उसे राष्ट्रीय धरोहर की सूची में शामिल करवाना होगा मजे की बात यह है कि, ”यूनेस्को-यूनेस्को” का राग अलापने वाले अपने इंदौरी नेताओं को भी इसकी खबर नहीं और हर बार गेर को लेकर बयानबाजी कर देते हैं कि इस बार अपनी गेर को यूनेस्को की सूची में शामिल करवाकर रहेंगे। अब जब मीडिया के जरिए गेर को पहले राष्ट्रीय धरोहर घोषित करवाने की बात सामने आई है तो इनका कहना है।
कि अब इंदौरी गेर को राष्ट्रीय धरोहर में शामिल करवाएंगे, उसके बाद इसे यूनेस्को के लिए भी भेजा जाएगा।
बता दें कि यूनेस्को दो साल में एक बार भारत या किसी अन्य देश की किसी एक धरोहर को अपनी लिस्ट में शामिल करता है।
अब देखना होगा कि जिम्मेदार इस मामले में कितनी तत्परता दिखाते हैं और कब तक अपनी गेर राष्ट्रीय धरोहर और यूनेस्को में शामिल हो पाती है।