रिपोर्ट नलिन दीक्षित
इंदौर
प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी जितने सहज और सरल है उतने ही संवेदनशील भी है। प्रदेश के मुखिया के पद पर बैठने के बाद भी वे जिस गंभीरता से छोटी छोटी बातों का और लोगों के सुख दुख का ध्यान रखते है वो वाकई हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।
आज माननीय मुख्यमंत्री जी इंदौर की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी गैर में भाग लेने आए थे हम लोग एयरपोर्ट पर उनका अभिनंदन करने गए तो अचानक उन्होंने मुझे कहा कि “सुमित, मुझे पता चला है कि यहां दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है” भले ही गैर इंदौर का लोक उत्सव है, इंदौर की सांस्कृतिक पहचान है पर यदि किसी परिवार ने आज अपने सदस्य को खो दिया है तो ऐसे में मेरा उसमें शामिल होना ठीक नहीं है।
क्योंकि मुझे उस परिवार की चिंता है जिसने अपने एक सदस्य को खो दिया है। मैं उनके दुख में शामिल नहीं हो सकता तो उत्सव भी नहीं मनाऊंगा।
मुख्यमंत्री जी ने एयरपोर्ट पर ही मृतक के परिजनों के लिए 4 लाख रूपए की सहायता राशि की घोषणा की और वे सीधे वही से वापस रवाना हो गए।
मुझे अपने प्रदेश मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता पर गर्व हुआ और उनकी विचारों की उत्कृष्टता पर भी। मुझे इस बात पर भी गर्व हुआ कि मोदी जी की जी तरह हमारे मुख्यमंत्री भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मानववाद को सिर्फ मानते नहीं है बल्कि उसे जीते है, उसे आचरण में उतारते है।