देश में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को गति देने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाली प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के खाता धारकों की संख्या नौ अगस्त-2023 को 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई। 28 अगस्त 2014 को इस योजना की शुरुआत हुई थी। नौ वर्ष की अवधि में इतनी बड़ी संख्या में जन धन खाता खुलना एक बड़ी उपलब्धि है और डिजिटल इंडिया की एक बड़ी ताकत को भी दर्शाता है। अभी तक जन धन के जितने खाते खुले हैं उसमें से 56 फीसदी खाते महिलाओं के हैं। 67 फीसदी खाते ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं। इन खातों में जमा राशि 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। लगभग 34 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं। पीएमजेडीवाई खाताधारकों को न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं है फिर भी पीएमजेडीवाई खातों में औसत बैलेंस 4,076 रुपये है। 5.5 करोड़ से अधिक खातों को डीबीटी का लाभ मिल रहा है। दो लाख रुपये के दुर्घटना बीमा वाला निःशुल्क रुपे कार्ड और 10 हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी भी इसमें दी गई है। यह गांव और गरीब के सशक्तीकरण के साथ-साथ रोजगार निर्माण में भी बहुत मददगार साबित हुई है |