बायपास पर दोपहिया वाहनों के प्रवेश के कारण होने वाले हादसों को रोकने के लिए रेलिंग लगाई जा रही है। 400 मीटर हिस्से में रोज रेलिंग लगाने का कार्य विगत माह से जारी है। अब तक 10 किमी हिस्से में रेलिंग लगाई जा चुकी है। तीन माह में 57 किमी लंबाई में रेलिंग लगाने का काम होगा।
इंदौर स्थित बायपास मुख्य मार्ग पर वाहनों की गति में रुकावट को रोकने के लिए दोनों तरफ रेलिंग लगाई जा रही है। 32 किमी लंबे बायपास पर रेलिंग लगाने का काम विगत माह से जारी है। दोनों तरफ 57 किमी लंबाई में लोहे की रेलिंग लगाई जानी है। अब तक 10 किमी लंबाई में रेलिंग लगाई जा चुकी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने रेलिंग लगाने के लिए 15 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। सुपरविजन चार्ज लेकर रेलिंग लगाने का कार्य इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है।
कालोनियों और माल की भरमार : बायपास के आसपास कई नई कालोनियां विकसित हो रही है।
बायपास पर बन रहे फ्लाईओवर
32 किमी लंबे बायपास पर छोटे बोगदों के कारण आए दिन जाम लगता रहा है। इसके लिए एनएचएआइ बायपास पर चार फ्लाईओवर भी बना रहा है। राऊ चौराहा, रालामंडल के सामने और एमआर-10 के सामने काम शुरू हो चुका है। फ्लाईओवर बनने से बायपास पर वाहनों की राह आसान हो जाएगी।
चुकी है। शापिंग-माल, होटल और मैरिज गार्डन भी खुल चुके हैं। ऐसे में बायपास के सर्विस रोड पर वाहनों का दबाव बढ़ने पर मुख्य सड़क पर भी लोग वाहन लेकर कही से भी पहुंच जाते हैं। इससे
बायपास पर हादसे रोकने के लिए रेलिंग लगाने का कार्य जारी है। अब तक 10 किमी लंबाई में रेलिंग लगाई जा चुकी है। तीन माह में रेलिंग लगाने का काम पूरा हो जाएगा।
- आरपी अहिरवार सीईओ, आइडीए
दुर्घटनाएं होती हैं। इसे रोकने के लिए जी-20 समिट के दौरान कलेक्टर इलैया राजा टी ने रेलिंग लगाने के लिए सर्वे कराया था। लंबे समय तक टेंडर प्रक्रिया नहीं होने से कार्य देरी से शुरू हुआ।