चिकित्सालय की पाँचवीं मंजिल पर किया गया नई डायलिसिस यूनिट का लोकार्पण
इंदौर के महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इन्दौर की पाँचवीं मंजिल पर डायलिसिस यूनिट का लोकार्पण गत दिवस किया गया। महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इन्दौर में रोटरी क्लब बैंगलोर इंदिरा नगर एवं पंजाब नेशनल बैंक हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के सहयोग से प्राप्त 10 नई उन्नत तकनीकी वाली हीमोडायलिसिस मशीनों के साथ में नई विस्तारित डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन किया गया। पूर्व में 8 डायलिसिस मशीनें सहित वर्तमान में कुल 18 डायलिसिस मशीनें हैं, मरीजों को बेहतर और अधिक कुशल उपचार प्रदान करने के लिए पूरी तरह से आधुनिकीकृत की गई है।
वर्तमान में एम. वाय. चिकित्सालय इंदौर में किडनी की गंभीर बीमारी एवं अन्य रोगों से ग्रसित लगभग 450 मरीजों का प्रति माह हीमोडायलिसिस किया जाता है।
उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अधिष्ठाता महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एवं कार्यपालन अधिकारी प्रो. डॉ. अरविंद घनघोरिया, रोटरी क्लब इंदिरा नगर बैंगलोर की अध्यक्ष श्रीमती सुप्रिया कंधारी, महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक प्रो. डॉ. अशोक यादव, रीजनल बिजनेस हेड पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड
श्री पंकज श्रीवास्तव सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट न्यूयॉर्क यूएसए डॉ. निलय नाहर, भारतीय विद्या भवन इंदौर के चेयरमैन डॉ. जितेंद्र वर्मा, डायलिसिस यूनिट एम. वाय. चिकित्सालय के उप अधीक्षक एवं नोडल अधिकारी डॉ. योगेन्द्र झामरा उपस्थित में लोकार्पण किया गया।
महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के वार्ड 29 को पूर्ण रूप से नवीन डायलिसिस मशीनों हेतु सुसज्जित कर आधुनिक रूप दिया गया है।
चिकित्सालय में लगाई गई डायलिसिस मशीनों की लागत एक करोड़ रुपये है। एम. वाय. चिकित्सालय इन्दौर में ऐसे मरीज भी जो कि रक्त जनित रोगों से ग्रसित है, उनकी भी डायलिसिस की जायेगी, जिनका कोई प्रायवेट अस्पताल भी डायलिसिस नहीं करता है। पूर्व में डायलिसिस की प्रक्रिया प्रति मरीज की में ज्यादा समय लगता था, लेकिन इन आधुनिक मशीनों से काफी कम समय में मरीजों की डायलिसिस हो जायेगी, जिससे मरीजों का समय भी बचेगा।
किडनी के सहीं तरीके से काम नहीं करने पर मरीजों के लिए डायलिसिस अनिवार्य होती है। अस्पताल में बड़ी संख्या में किडनी के मरीज उपचार के लिए आते हैं। वर्तमान में एम. वाय. चिकित्सालय में किडनी की गंभीर बीमारी एवं अन्य रोगों से ग्रसित लगभग 450 मरीजों का प्रति माह हीमोडायलिसिस किया जाता है।
मरीजों की बीमारी की गंभीरता के अनुसार मशीनों को पृथक किया गया है, आयुष्मान मरीजों को पूर्णतः मुफ्त में इलाज दिया जाता है एवं अन्य मरीजों से मात्र 263 रुपये की रसीद ली जाती है। डायलिसिस के दौरान लगने वाली सामग्री और दवाईयां पूरी तरह मुफ्त में उपलब्ध करवाई जाती है। नवीन हिमोडायलिसिस यूनिट का उद्देश्य गंभीर गुर्दे की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को आधुनिक तकनीक के साथ उन्नत डायलिसिस सेवाएं प्रदान करना है। इस यूनिट का लक्ष्य डायलिसिस के लिए आवश्यक समय को कम करना है,
जिससे अधिक मरीजों को डायलिसिस की सेवाएँ मिल सकें। महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में वर्तमान में कुल 18 नई डायलिसिस मशीनें हैं और मरीजों को बेहतर और अधिक कुशल उपचार प्रदान करने के लिए पूरी तरह से आधुनिकीकृत किया गया है।
नई उन्नत तकनीक युक्त मशीनों के साथ नई विस्तारित यूनिट जिसे की पूरी तरह आदर्श डायलिसिस यूनिट के रूप में लगभग 10 लाख रुपये के खर्च से सुसज्जित किया गया है, जिसमें की एम. वाय. चिकित्सालय इंदौर में डायलिसिस के लिए आने वाले मरीजों को ओर भी बेहतर तथा उन्नत इलाज मिलेगा। इस कार्यक्रम में एम.वाय. अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट अशोक यादव ने कहा की अस्पताल में 8 डायलिसिस मशीनें पहले से मौजूद थी, 10 डायलिसिस मशीनें समेत कुल 18 डायलिसिस मशीनें हो गई है जो सभी कार्यरत है।
उन्होंने बताया कि डायलिसिस एम.वाय. में नि:शुल्क किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने कहा कि उनका सर्व प्रथम लक्ष्य मरीजों की सेवा करना है, इसके लिए मेडिकल कॉलेज एवं एम. वाय. अस्पताल कटिबंध है।
गरीबों को सस्ता और अच्छा इलाज मिले इसके लिए वह सदैव प्रयास करते रहेंगे।
उल्लेखनीय है रोटरी क्लब इंदिरा नगर बेंगलुरू फाउंडेशन की पहल से पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस की मदद से 10 डायलिसिस मशीन लगाई गई है। इस कार्यक्रम में डॉ. जमरा , डॉ. धर्मेंद्र झावर, डॉ. जे के वर्मा , श्री पीयूष जैन पुर्व प्रेसिडेंट रोटरी क्लब इंदिरा नगर,
पीएनबी बैंक फाइनेंस के श्री सूद, श्री पंकज श्रीवास्तव, डॉ. नीला नहर एवं एम. वाय. अस्पताल के कर्मचारीगण उपस्थित थे।