मतदाताओं को लुभाने और मतदान प्रभावित करने की संभावनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने 35 से अधिक एसएसटी व एफएसटी टीमों का गठन किया था। इन टीमों ने 1 करोड़ 10 लाख की नकदी जब्त की थी। दस्तावेज जमा कराने वालों के 45 लाख लौटा भी दिए गए हैं।
9 अक्टूबर को आचार संहिता लगने के बाद निर्वाचन आयोग की टीम ने सख्ती का डंडा चलाया। हर गली मोहल्ले, चौराहे पर एसएसटी एफएसटी टीमों की निगरानी के साथ-साथ क्षेत्र के अधिकारियों ने भी सख्ती की, जिसके बाद 1 करोड़ 10 लाख की राशि जब्त की गई। कालेधन का उपयोग करने से रोकने के लिए विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ बाहरी जिलों से आने वाले वाहनों पर भी नजर रखी गई। इंदौर जिले से जुड़ी अन्य जिलों की सीमाओं पर पुलिस का सख्त पहरा होने के बावजूद भी कई मामले सामने आए हैं। इन टीमों ने 19 प्रकरण बनाए हैं, जिसमें से 13 का निराकरण कर दिया गया है।
6 मामलों के 65 लाख बाकी
विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार 10 लाख से ऊपर के सभी मामलों में इन्कम टैक्स का प्रमाण पत्र दिखाने और अन्य दस्तावेज पेश किए जाने पर ही राशि छोड़े जाने के निर्देश हैं, जिसके आधार पर अब तक 6 ऐसे मामले में, जो दस लाख रुपए से अधिक की राशि के हैं, इन पर निर्णय लिया जाना अभी बाकी है। ज्ञात हो कि मतदान के एक दिन पूर्व 16 नवम्बर को भी कई प्रकरण बनाए गए हैं, जिन पर अभी कार्रवाई चल रही है|