रिपोर्ट नलिन दीक्षित
-मेजर ध्यानचंद की पुण्यतिथि पर प्रकाश क्लब में विचारगोष्ठी आयोजित
इंदौर : देश जब पराधीनता की बेड़ियों में जकड़ा था, तब दुनिया में भारत की धाक खेल के जरिए जमाने का काम मेजर ध्यानचंद ने किया। धाक भी ऐसी जमाई कि दुनिया उन्हें हाकी का जादूगर कहने लगी। एक बार गेंद दादा ध्यानचंद के पास आ गई तो हाकी स्टिक से छिटकती नहीं थी। उनका खेल अब भी देशभर के खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करता है।
उक्त विचार हॉकी इंदौर के कार्यकारी अध्यक्ष देवकीनंदन सिलावट ने मेजर ध्यानचंद की 45वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में व्यक्त किए। उन्होंने कहा- कम ही लोगों को पता है कि बचपन में दादा ध्यानचंद को हॉकी में खास दिलचस्पी नहीं थी। सेना में भर्ती के बाद रेजीमेंट के एक अधिकारी मेजर तिवारी ने उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने कठिन अभ्यास और लगन के साथ अपने खेल में सुधार किया और देश का गौरव भी दुनिया में बढ़ाया। प्रदेश में हॉकी की सबसे पुरानी नर्सरी प्रकाश क्लब में दादा ध्यानचंद ने भी अभ्यास किया है।
कार्यक्रम के दौरान एनआइएस कोच अशोक यादव, सरवर खान ने भी संबोधित किया। इस दौरान शैलेंद्र वर्मा, डा. रफीक खान, प्रेम प्रजापत, चंकी कुमावत, संदीप वर्मा, राजेंद्र यादव, हलीम खान, बंटी यादव, वसीम खान, अक्षत यादव, बालकिशन रायकवार आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन प्रथमेश राजे सिलावट ने किया। आभार अनीस खान ने माना।