निपानिया इंदौर स्थित ओशियन पार्क सोसायटी के क्लब हाउस में “मनीषा का मंच” पावर्ड बाय “कलांगन कला मंदिर” इंदौर द्वारा संचालित कथक नृत्य की कक्षा में रहवासी छात्राओं एवं उनके पालकों का साक्षात्कार दैनिक दबंग केसरी के पत्रकार श्रीमान नलिन दीक्षित जी द्वारा उनके डी एन डी न्यूज़ 24 चैनल के लिए साक्षात्कार लिया गया।
कक्षा की नृत्य गुरु श्रीमती मनीषा अग्रवाल ‘रक्स’ ने बताया कि वह विगत ढाई वर्षों से सतत इस सोसायटी के क्लब हाउस में कथक शास्त्रीय तथा उपशास्त्रीय नृत्यों की शिक्षा दे रहीं हैं। उन्होंने लखनऊ घराने से संबंद्ध उनके गुरु श्रीमान सुरेन्द्र कुमार जी राठौर से विधिवत् कथक नृत्य की शिक्षा ली है, वह विगत अड़तीस वर्षों से नृत्य की शिक्षा दे रहीं हैं, उन्होंने बीस वर्षों तक इंदौर के एक सीबीएसई स्कूल में नृत्य शिक्षिका के रूप में कार्य किया है।
कक्षा में उपस्थित सभी छात्राओं ने बताया कि कथक नृत्य सीखने से उनके दैनिक दिनचर्या में एक अनुशासन आया है उनकी पढ़ाई में भी आत्मसंयम आना आरंभ हो गया है, उन्हें शास्त्रीय नृत्य सीखना इसलिए पसंद है क्योंकि उसमें शास्त्र बद्ध शुद्ध नृत्य तथा हमारी भारतीय संस्कृति से संबंधित रचनाएं सिखाई जाती हैं।
कक्षा में छः वर्ष से पंद्रह वर्ष की छात्राएँ नृत्य सीखने आती हैं। अनिका, नवी, अरात्रिका, आचमन, सिया, राधया, सखी, अद्यांशी आदि सभी को कथक सीखने में बहुत मज़ा आ रहा है। वरिष्ठ छात्रा सखी व अद्यांशी ने बताया कि उन्हें इस नृत्य परंपरा को आगे तक ले जाना है, यदि उनको मौका मिलेगा तो वह इसमें अपना कैरियर भी बनाना चाहेंगी। सिया ने बताया कि कथक सीखकर वह देश-विदेश में अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहती है।
वहाँ उपस्थित पालक माताओं ने भी बताया कि उनके बच्चों में अनुशासन बढ़ रहा है, तथा गुरु के अनुभव का लाभ उनकी बच्चियों को मिल रहा है। कुछ माताओं को लगता है कि वह भी नृत्य सीखना चाहतीं थीं पर वह नहीं सीख पाईं इसीलिए अपनी बेटी को नृत्य सिखा रहीं हैं।
एक पालक स्वेता बुंदेला जी ने बताया कि मेरी बेटी केवल नृत्य ही नहीं सीख रही हैं बल्कि वो इसमें डिप्लोमा भी कर रही है जो उसको भविष्य में काफी मदद करेगा।
गुरु मनीषा अग्रवाल ‘रक्स’ प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ द्वारा मान्यता प्राप्त केंद्र का संचालन भी करती हैं जहाँ से बच्चों की विधिवत परीक्षा होती है।
सभी पालक माताओं का एक मत था कि यह कक्षा उनके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उत्तम सिद्ध होगी।